Kho Kho World Cup 2025

पहले मिट्टी से मैट तक, अब मैट से विश्व तक – पहला खो-खो वर्ल्ड कप 2025

खो-खो का खेल, जो पहले गाँवों और कस्बों की मिट्टी के मैदानों पर खेला जाता था, अब एक वैश्विक मंच पर अपने पंख फैला रहा है। भारत में जन्मे इस खेल का पहला खो-खो वर्ल्ड कप 13 से 19 जनवरी 2025 के बीच आयोजित किया जाएगा। यह ऐतिहासिक टूर्नामेंट नई दिल्ली के इंदिरा गांधी स्टेडियम में होगा, जिसमें 24 देशों की टीमें हिस्सा लेंगी। यह न केवल खेल कौशल का प्रदर्शन करेगा बल्कि विभिन्न देशों के खिलाड़ियों के बीच सांस्कृतिक आदान-प्रदान का भी माध्यम बनेगा।

टूर्नामेंट का स्वरूप

पहले खो-खो वर्ल्ड कप में 20 पुरुष और 20 महिला टीमों की भागीदारी होगी। यह प्रतियोगिता लीग-कम-नॉकआउट प्रारूप में आयोजित की जाएगी, जिससे प्रतियोगिता में रोमांच और चुनौती दोनों बरकरार रहेंगे। शीर्ष टीमें अगले राउंड में अपनी जगह बनाने के लिए प्रतिस्पर्धा करेंगी, जिसके बाद विजेता का फैसला होगा।

भाग लेने वाले देश

इस टूर्नामेंट में कुल 24 देशों की टीमें शामिल होंगी, जो पाँच महाद्वीपों का प्रतिनिधित्व करेंगी:

  • एशिया: भारत, बांग्लादेश, नेपाल, पाकिस्तान, ईरान, दक्षिण कोरिया, श्रीलंका, भूटान, इंडोनेशिया और मलेशिया।
  • यूरोप: इंग्लैंड, जर्मनी, नीदरलैंड्स, और पोलैंड।
  • उत्तरी अमेरिका: अमेरिका।
  • दक्षिण अमेरिका: ब्राज़ील, पेरू और संभावित रूप से अर्जेंटीना।
  • अफ्रीका: घाना, केन्या, युगांडा और दक्षिण अफ्रीका।
  • ओशियाना: ऑस्ट्रेलिया और न्यूज़ीलैंड।

दर्शकों के लिए उत्साहजनक अनुभव

इस टूर्नामेंट का सीधा प्रसारण भारत के दूरदर्शन नेशनल और स्टार स्पोर्ट्स जैसे प्रमुख चैनलों के साथ-साथ कई ओटीटी प्लेटफॉर्म्स पर किया जाएगा। यह आयोजन खो-खो को दुनिया भर के करोड़ों दर्शकों तक पहुंचाने का एक शानदार मौका देगा, जिससे इस पारंपरिक खेल को अंतरराष्ट्रीय पहचान मिलेगी।

आंकड़े: सहभागिता की एक झलक

इस वर्ल्ड कप में कुल 40 टीमें हिस्सा लेंगी, जिसमें से 20 पुरुष और 20 महिला टीमें होंगी। यह पहली बार है कि इतने बड़े स्तर पर खो-खो का आयोजन किया जा रहा है, जहां खिलाड़ी अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करेंगे और अपने-अपने देशों के लिए गौरव अर्जित करने की कोशिश करेंगे।

खो-खो के इस अद्वितीय सफर में मिट्टी से लेकर मैट तक की यात्रा और अब विश्व मंच पर इसकी धमक सभी खेल प्रेमियों के लिए एक गौरव का विषय है। यह आयोजन न केवल खो-खो की वैश्विक लोकप्रियता में वृद्धि करेगा, बल्कि भविष्य के लिए इस खेल को एक नई दिशा भी देगा।

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